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Showing posts from April, 2022

कौतूहलवश इसकी फिल्म बनवा ली

  गर्भपात करवाना गलत माना गया है, कृपया इस लेख को अवश्य पढ़े और अगर इसे पढ़ कर आपके दिलकी धड़कने बढ़ जाये तो शेयर अवश्य करे | गर्भस्थ बच्ची की हत्या का आँखोँ देखा वि अमेरिका मेँ सन 1984 मेँ एक सम्मेलन हुआ था 'नेशनल राइट्स टू लाईफ कन्वैन्शन' । इस सम्मेलन के एक प्रतिनिधि ने डॉ॰ बर्नार्ड नेथेनसन के द्वारा गर्भपात की बनायी गयी एक अल्ट्रासाउण्ड फिल्म 'साइलेण्ट स्क्रीम' (गूँगी चीख) का जो विवरण दिया था, वह इस प्रकार है- ' गर्भ की वह मासूम बच्ची अभी दस सप्ताह की थी व काफी चुस्त थी । हम उसे अपनी माँ की कोख मेँ खेलते, करवट बदलते वअंगूठा चूसते हुए देख रहे थे । उसके दिल की धड़कनोँ को भी हम देख पा रहे थे और वह उस समय 120 की साधारण गति से धड़क रहा था । सब कुछ बिलकुल सामान्य था; किँतु जैसे ही पहले औजार (सक्सन पम्प) ने गर्भाशय की दीवार को छुआ, वह मासूम बच्ची डर से एकदम घूमकर सिकुड़ गयी और उसके दिल की धड़कन काफी बढ़ गयी । हलाँकिअभी तक किसी औजार ने बच्ची को छुआ तकभी नहीँ था, लेकिन उसे अनुभव हो गया था कि कोई चीज उसके आरामगाह, उसके सुरक्षित क्षेत्र पर हमल...

टीकमगढ़ मेरा छोटा ही सही

कड़वा चाहे नीम पर चन्दन से कम नहीं टीकमगढ़ मेरा छोटा ही सही पर लंदन से कम नहीं;! नेता है यहा हजारो , पर "हम"जैसा कोई नहीं । " टीकमगढ़ "का चटपटा खाना , पूरे विश्व मे कही नहीं । हर छोटी बड़ी बाते होती है यहा , पर प्यार से रहते सभी धर्म यहा । लेकिन दुनिया के नक्शे मे, है चमकता मेरा  टीकमगढ़ वहा । कहते मेरे टीकमगढ़ को , ।। रामराजा ।। की पावन नगरी जहा पर बस्ती है , हर संस्कृति की डगरी । खाने मे अच्छी लगती है टीकमगढ़ की रस की गुजिया।  किला  टीकमगढ़ है विश्व प्रसिद्ध , मेरा टीकमगढ़ किसी से कम नहीं है ये सिद्ध । कुंढेसवर मंदिर। तालाब के घाट , मित्र और परिवार मिलके काटे हर रात । और भी ढेरो चिज़े है देखने को मेरे "  " टीकमगढ़ मे। पर मे बयां नहीं कर सकता हु मेरे इन चंद शब्दो मे। मेरे  टीकमगढ़ की है बात प्यारी और निराली , मेरे  टीकमगढ़ की बोली है भी बड़ी निराली । जो भी देखे मेरे  टीकमगढ़ को यही का हो जाय , बस हर जगह मेरा  टीकमगढ़ अपनी छवि छोड़ जाये। बोलो गणपति  बप्पा  मोरया जय मध्य प्रदेश जय  टीकमगढ़ साभार

क्रोध को ऐसे टालना

  😡 क्रोध को ऐसे टालना- क्रोध सोमवार को आये, तो कहना कि सप्ताह की शुरुआत है - आज नहीं करूँगा । मंगलवार को आये, तो बोलना कि मंगल में अमंगल क्यों करूँ । बुध को आये, तो कहना कि बुध तो शुद्ध है - इसे अशुद्ध क्यों करुँ । गुरुवार को आये, तो बोलना आज तो गुरु का दिन है - मन में शान्ति रखना है । शुक्रवार को आये, तो कहना कि शुक्र को तो शुक्रिया अदा करना है भगवान का । शनिवार को आये, तो सोचना कि शनि के दिन घर में शनिचर क्यों आयें और रविवार को आये, तो कहना- आज तो छुट्टी का दिन है । खुश रहिये, मुस्कराते रहिये और हाँ, कभी क्रोध न कीजिये । साभार

दुसरे मौक़े के लिये धन्यवाद

  Nice one must read आज सवेरे,सवेरे,अख़बार मे शोक समाचार के कालम मे, अपनी फ़ोटो को देखँ हैरान था, आश्चर्य,,क्या मैं मर गया हू,? या किसी मसखरे का शिकार हो गया हू, रुको,,थोड़ा सोचता हू, पिछली रात ही तो मेरे सीने में भारी दर्द उठा था, और मैं पसीने से तरबतर हो गया था फिर मुझे कुछ याद नही, मैं शायद गहरी नींद में सो गया था, और अब सुबह के ८ बज चुके है, बिना काफ़ी मेरी आँख नहीं खुलती, आज आफ़िस में फिर लेट होने वाला हू, चिढचिढे बास का फिर भाषण सुनने वाला हू पर ये क्या? क्यूँ मेरे घर मे भीड़ हो रही है, सारी भीड़ क्यूँ रो रही है, यहाँ बरामदे मे क्यूँ हाहाकार मचा पड़ा है मेरा शरीर सफ़ेद कपड़ों में लिपटा,ज़मीन पर क्यूँ पड़ा है मैं यहाँ हूँ, मैं चिल्लाता हू, कोई इधर देखो,सुनो, मैं यहाँ हू न कोई ध्यान देता है ,न कोई सुन पाता है, हर कोई कातर नज़र से बस मेरे शरीर को निहारता है, मैं अपने कमरे में वापस आ जाता हू, बाहर कोहराम मचा है, ये,क्या मेरी बीबी रो रही है, बहुत दुखी और उजडी सी दिख रही है मेरे बेटे को शायद नही कुछ एहसास है, वह केवल इसलिये रो रहा है कि, क्यूँकि...

ये अनुभव हो की आप हो

  एक भक्त था वह बिहारी जी को बहुत मनाता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था. एक दिन भगवान से कहने लगा – में आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई. मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो. भगवान ने कहा ठीक है. तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो, जब तुम रेत पर चलोगे तो तुम्हे दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देगे, दो तुम्हारे पैर होगे और दो पैरो के निशान मेरे होगे. इस तरह तुम्हे मेरी अनुभूति होगी. अगले दिन वह सैर पर गया, जब वह रे़त पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये वह बड़ा खुश हुआ, अब रोज ऐसा होने लगा. एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया, वह रोड पर आ गया उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया. देखो यही इस दुनिया की प्रॉब्लम है, मुसीबत मे सब साथ छोड देते है. अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये. उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त मे भगवन ने साथ छोड दिया. धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा फिर सब लोग उसके पास वापस आने लगे. ...

हम सब की चार पत्नियां हैं

  एक आदमी की चार पत्नियाँ थी।वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व उसको सबसे श्रेष्ठ देता।वह अपनी तीसरी पत्नी से भी प्यार करता था और हमेशा उसे अपने मित्रों को दिखाना चाहता था। हालांकि उसे हमेशा डर था की वह कभी भी किसी दुसरे इंसान के साथ भाग सकती है।वह अपनी दूसरी पत्नी से भी प्यार करता था।जब भी उसे कोई परेशानी आती तो वे अपनी दुसरे नंबर की पत्नी के पास जाता और वो उसकी समस्या सुलझा देती।वह अपनी पहली पत्नी से प्यार नहीं करता था जबकि पत्नी उससे बहुत गहरा प्यार करती थी और उसकी खूब देखभाल करती। एक दिन वह बहुत बीमार पड़ गया और जानता था की जल्दी ही वह मर जाएगा।उसने अपने आप से कहा," मेरी चार पत्नियां हैं, उनमें से मैं एक को अपने साथ ले जाता हूँ...जब मैं मरूं तो वह मरने में मेरा साथ दे।" तब उसने चौथी पत्नी से अपने साथ आने को कहा तो वह बोली," नहीं, ऐसा तो हो ही नहीं सकता और चली गयी। उसने तीसरी पत्नी से पूछा तो वह बोली की," ज़िन्दगी बहुत अच्छी है यहाँ।जब तुम मरोगे तो मैं दूसरी शादी कर लूंगी।" उसने दूसरी पत्नी से कहा तो वह बोली, " माफ़ कर दो...

पिज़ा बर्गर छोड़ो_देसी खाना खाओ

  बाटी खाने के नियम.. (1) बाटी जीन्स पेन्ट पहन कर नहीं खानी चाहिए । बैठने में तकलीफ होती है, बाटी कम भाती है। (2) बाटी खाते वक्त मोबाइल का स्विच ऑफ रखें । बात करने से पेट में हवा जाती है, जिससे एक बाटी कम खाई जाती है । (3) बाटी खाते वक्त सुई गिरने जितनी भी आवाज नहीं आनी चाहिए। खाते वक्त कोई बच्चा आवाज करे तो, उसे भी लप्पड़ मेल देनी चाहिए, बगैर रहम करे। (4) बाटी खाते वकत पंखा पास में होना चाहिए। (5) बाटी खाते वक्त घी की बाल्टी फुल होनी चाहिए । जितना घी जाएगा बाटी के साथ, उतनी तरावट रहेगी और कुम्भकर्ण के जैसे नींद आएगी एकदम टेंशन फ्री। (6) बाटी खाने के बाद मिथुनचक्रवर्ती की पिक्चर नहीं देखनी चाहिए, उससे माथा खराब रहता है, खोपड़ी घनचक्कर हो जाती है। बाटी की महिमा :-सोमवार हो या रविवार रोज खाओ बाटी दाल। जिस दिन घर पे बाटी बनती है उस दिन घर मे खुशी का माहौल रहता है । बच्चे भी सभी काम पे लग जाते हैं । कोई कांदा काटने लग जाता है, कोई चटनी घोटता है, कोई कड़ी पत्ता लेने चला जाता है । कोई अपने आप को दाल बनाने का उस्ताद जता कर दाल की वाट लगाता है। बाटी खाने के बाद दाल बाटी और लड्डू की ...

I love u papa

  एक बच्चा नयी कार पर पेन से स्क्रेच कर रहा था, ये देखते ही उसके पापा ने उसके गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया बच्चा कमजोर था थप्पड़ की मार से ही बेहोश हो गया, और अस्पताल में उसकी मौत हो गयी पिता को अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था, अचानक उनकी नजर कार के उस स्क्रेच पर पड़ी गौर से देखा तो कार पर अंग्रेजी में लिखा था -I love u papa. (प्यार रिश्तों से करना चाहिए चीजों से नहीं,क्योकि चीज़े आती रहती है- जाती रहती है) सहमत हो तो ज्यादा से ज्यादा शेयर कर साभार

बदलाव एक कोशिश

10 लाख का दहेज़ 5 लाख का खाना घड़ी पहनायी अंगूठी पहनाई मंडे का खाना फिर सब सुसरालियो को कपड़े देना । बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजना बेटी हो गई कोई सज़ा हो गई। और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता है फिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही है कभी चाची सास आ रही है मुमानी सास आ रही है टोलीया बना बना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सब को आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकम करती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500 - 500 रूपे भी दिए जाते है फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तय हो रहे है 500 लाए या 800 बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता है शाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरी वजह से कर्ज में डूबा है भगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बाप, कर्ज में डूबा ना हो व अपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके। बदलाव एक कोशिश एक कोशिश ऐसा न हो एक कोशिश खुद से संकल्प --- साभार

अनजाने कर्म का फल

  ☺: अनजाने कर्म का फल VERY INTRESTING एक राजा ब्राह्मणों को लंगर में महल के आँगन में भोजन करा रहा था । राजा का रसोईया खुले आँगन में भोजन पका रहा था । उसी समय एक चील अपने पंजे में एक जिंदा साँप को लेकर राजा के महल के उपर से गुजरी । तब पँजों में दबे साँप ने अपनी आत्म-रक्षा में चील से बचने के लिए अपने फन से ज़हर निकाला । तब रसोईया जो लंगर ब्राह्मणो के लिए पका रहा था, उस लंगर में साँप के मुख से निकली जहर की कुछ बूँदें खाने में गिर गई । किसी को कुछ पता नहीं चला । फल-स्वरूप वह ब्राह्मण जो भोजन करने आये थे उन सब की जहरीला खाना खाते ही मौत हो गयी । अब जब राजा को सारे ब्राह्मणों की मृत्यु का पता चला तो ब्रह्म-हत्या होने से उसे बहुत दुख हुआ । ऐसे में अब ऊपर बैठे यमराज के लिए भी यह फैसला लेना मुश्किल हो गया कि इस पाप-कर्म का फल किसके खाते में जायेगा .... ??? (1) राजा .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना जहरीला हो गया है .... या (2 ) रसोईया .... जिसको पता ही नहीं था कि खाना बनाते समय वह जहरीला हो गया है .... या (3) वह चील .... जो जहरीला साँप लिए राजा के उपर से गुजरी .... या (4) वह...

वो सब दोस्त अब थकने लगे है

साथ साथ जो खेले थे बचपन में वो सब दोस्त अब थकने लगे है किसीका पेट निकल आया है किसीके बाल पकने लगे है सब पर भारी ज़िम्मेदारी है सबको छोटी मोटी कोई बीमारी है दिनभर जो भागते दौड़ते थे वो अब चलते चलते भी रुकने लगे है उफ़ क्या क़यामत हैं सब दोस्त थकने लगे है किसी को लोन की फ़िक्र है कहीं हेल्थ टेस्ट का ज़िक्र है फुर्सत की सब को कमी है आँखों में अजीब सी नमीं है कल जो प्यार के ख़त लिखते थे आज बीमे के फार्म भरने में लगे है उफ़ क्या क़यामत हैं सब दोस्त थकने लगे है देख कर पुरानी तस्वीरें आज जी भर आता है क्या अजीब शै है ये वक़्त भी किस तरहा ये गुज़र जाता है कल का जवान दोस्त मेरा आज अधेड़ नज़र आता है कल के ख़्वाब सजाते थे जो कभी आज गुज़रे दिनों में खोने लगे है उफ़ क्या क़यामत हैं सब दोस्त थकने लगे है 😌😌😊😊😊 साभार

सार्वजनिक जीवन मे मर्यादा

  #सार्वजनिक_जीवन_में_मर्यादा_से_रहें जिस प्रकार किसी को मनचाही स्पीड में गाड़ी चलाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि रोड सार्वजनिक है। ठीक उसी प्रकार किसी भी लड़की को मनचाही अर्धनग्नता युक्त वस्त्र पहनने का अधिकार नहीं है क्योंकि जीवन सार्वजनिक है। एकांत रोड में स्पीड चलाओ, एकांत जगह में अर्द्धनग्न रहो। मगर सार्वजनिक जीवन में नियम मानने पड़ते हैं। भोजन जब स्वयं के पेट में जा रहा हो तो केवल स्वयं की रुचि अनुसार बनेगा, लेकिन जब वह भोजन परिवार खायेगा तो सबकी रुचि व मान्यता देखनी पड़ेगी। लड़कियों का अर्धनग्न वस्त्र पहनने का मुद्दा उठाना उतना ही जरूरी है, जितना लड़को का शराब पीकर गाड़ी चलाने का मुद्दा उठाना जरूरी है। दोनों में एक्सीडेंट होगा ही। अपनी इच्छा केवल घर की चहारदीवारी में उचित है। घर से बाहर सार्वजनिक जीवन मे कदम रखते ही सामाजिक मर्यादा लड़का हो या लड़की उसे रखनी ही होगी। घूंघट और बुर्का जितना गलत है, उतना ही गलत अर्धनग्नता युक्त वस्त्र पहनना है। बड़ी उम्र की लड़कियों का बच्चों की सी फ़टी निक्कर पहनकर छोटी टॉप पहनकर फैशन के नाम पर घूमना भारतीय संस्कृति का अंग नहीं है। जीवन भी गिटार या व...

पोशम्पा भाई पोशम्पा

Bachpan ki storyes                  Old hits   बचपन कि ये लाइन्स . जिन्हे हम दिल से गाते गुनगुनाते थे .. और खेल खेलते थे ..!! तो याद ताज़ा कर लीजिये ...!!   मछली जल की रानी है,        जीवन उसका पानी है।        हाथ लगाओ डर जायेगी        बाहर निकालो मर जायेगी। ************ पोशम्पा भाई पोशम्पा,        सौ रुपये की घडी चुराई।        अब तो जेल मे जाना पडेगा,        जेल की रोटी खानी पडेगी,        जेल का पानी पीना पडेगा।        थै थैयाप्पा थुशमदारी बाबा खुश। ************   आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,        बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।        बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,   ...

खाने में वो आनंद नहीं

शादी मे बफर (buffet)  खाने में वो आनंद  नहीं जो पंगत में आता था जैसे.... 👉पहले जगह रोकना ! 👉बिना फटे पत्तल दोनों का सिलेक्शन! ☝चप्पल जुते पर आधा ध्यान रखना...! 👉फिर पत्तल पे ग्लास रखकर उड़ने से रोकना! 👉नमक रखने वाले को जगह बताना यहां रख! 👉दाल सब्जी देने वाले को गाइड करना हिला के दे या तरी तरी देना! 👉उँगलियों के इशारे से 2 गुलाब जामुन लेना ! 👉पूडी छाँट छाँट के गरम गरम  लेना !.       👉पीछे वाली पंगत में झांक के देखना क्या क्या आ गया ! अपने इधर और क्या बाकी है। जो बाकी है उसके लिए आवाज लगाना। 👉पास वाले रीश्तेदार के पत्तल में जबरदस्ती पूडी रखवाना ! 👉 रायते वाले को दूर से आता देखकर फटाफट रायते का दोना पीना । 👉 पहले वाली पंगत कितनी देर में उठेगी। उसके हिसाब से बैठने की पोजीसन बनाना। 👉 और आखरी में पानी वाले को खोजना। साभार 😜😜😜😜😜😜😜