Nice one must read आज सवेरे,सवेरे,अख़बार मे शोक समाचार के कालम मे, अपनी फ़ोटो को देखँ हैरान था, आश्चर्य,,क्या मैं मर गया हू,? या किसी मसखरे का शिकार हो गया हू, रुको,,थोड़ा सोचता हू, पिछली रात ही तो मेरे सीने में भारी दर्द उठा था, और मैं पसीने से तरबतर हो गया था फिर मुझे कुछ याद नही, मैं शायद गहरी नींद में सो गया था, और अब सुबह के ८ बज चुके है, बिना काफ़ी मेरी आँख नहीं खुलती, आज आफ़िस में फिर लेट होने वाला हू, चिढचिढे बास का फिर भाषण सुनने वाला हू पर ये क्या? क्यूँ मेरे घर मे भीड़ हो रही है, सारी भीड़ क्यूँ रो रही है, यहाँ बरामदे मे क्यूँ हाहाकार मचा पड़ा है मेरा शरीर सफ़ेद कपड़ों में लिपटा,ज़मीन पर क्यूँ पड़ा है मैं यहाँ हूँ, मैं चिल्लाता हू, कोई इधर देखो,सुनो, मैं यहाँ हू न कोई ध्यान देता है ,न कोई सुन पाता है, हर कोई कातर नज़र से बस मेरे शरीर को निहारता है, मैं अपने कमरे में वापस आ जाता हू, बाहर कोहराम मचा है, ये,क्या मेरी बीबी रो रही है, बहुत दुखी और उजडी सी दिख रही है मेरे बेटे को शायद नही कुछ एहसास है, वह केवल इसलिये रो रहा है कि, क्यूँकि...
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